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Shiv Aarti Pdf In Hindi


भगवान शिव के भक्त पूरी दुनिया में मौजूद हैं । इनको भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है । शंकर भगवान के हिंदुस्तान में कई सारे मंदिर है । 

भारत के अलावा विदेशों में भी इनकी पूजा होती है।  जो भी इनकी सच्चे मन से भक्ति करता है वो जीवन में सफल हो जाता है।


16 सोमवार का व्रत है क्यों रखा जाता है

कई लोगों का ऐसा मनाना है की 16 सोमवार का व्रत रखने से व्यक्ति को अपनी पसंद का जीवनसाथी प्राप्त होता है ।


शिव जी ने विश को क्यों पीया था

संसार की रक्षा करने के लिए भगवान शिव ने ऐसा किया था 

हनुमान जी किसका अवतार है

भोलेनाथ के 11 अवतार हैं


Shiv Aarti Pdf In Hindi 



Shiv Aarti Pdf In Hindi

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता। जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

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